कई बार तोहरा घरवा के अगवा रुकली तोहरा के एक बार देखे के इंतजार में माँ कसम दिलवा धड़के लागल जब देखली तोहके पियरकी फड़ाक में..।
राऊआ हमेशा हँसते रही ईहे चाहिले हम सब दुआ में मांगीले सिर्फ खुशी राउर रउआ दुनिया मे केहू के दोस्त बना के देख ली तब हु महसूस होइ कमी हमार